Deepak Singh's blogs

Monday, 17 July 2023

कीट के जीवन का उद्देश्य ।

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प्रकृति के छोटे सृजनों में, जीवन की अद्भुत रचना है। मनुष्य समान ही वो भी अनभिज्ञ, उद्देश्य उनके जीवन का है क्या ? सबसे छोटे जीवों में भी जीव...
Saturday, 15 July 2023

तो ले चला मैं संग कर्मों की बही को ।

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तो ले चला मैं संग कर्मों की बही को, जिसका बराबर हो गया है लेना-देना । और छोड़ वो सब जो दुनिया के निशाँ है, जिनपे हमारा अब नहीं कोई निशाना । ...
Wednesday, 12 July 2023

मानवता कब रही आश्रित मानव देह पर ।

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मानवता कब रही आश्रित मानव देह पर । क्या भाव ये नहीं उनमे, जिनकी देह नहीं है मानव की । क्या कंगारू जो खड़ा होता दो पैरों पर, कुछ वैसे ही जैसे...

क्यों नहीं कहते कि जो कुछ भी हुआ है ।

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क्यों नहीं कहते कि जो कुछ भी हुआ है, तुम ही हो इन सभी व्यवस्थाओ के पीछे । क्यों नहीं कहते ये जो ताले लगे हैं , जो कभी होते नहीं थे किसी दर प...
Tuesday, 4 July 2023

नियति क्रम उचित सही ।

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नियति क्रम उचित सही,  और यह फलित सही, विचित्र सत्य पर सही, अनादि काल से सही, अनंत काल तक सही। परंतु यह कथन सही, कर्म अधीन है सभी, जगे हुए मन...

अरे नहीं है वे इंसान ।

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 अरे नहीं है वे इंसान, बस ओढ़ लिए है सबने , आवरण इंसान के। पर असल में है इनमें, कोई कुत्ता, लोमड़ी या गिरगिट, और ना जाने क्या क्या । भेष बदल...

ये छाँव और धूप, भी खेलती है खेल ।

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 ये छाँव और धूप, भी खेलती है खेल, किसी को भरम, किसी को आराम देती है । बन जाती काल धूप, जब देखती है ये की, निकला है जीतने कोई बच्चों की रोटिय...
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